लाल, गुलाबी, नीले, पीले,
तरह तरह के फूल रंगीले,
मुन्नी, चुन्नी जल्दी आओ,
चिंटू, पिंटू छैल छबीले,
बगिया की रौनक तो देखो
दुल्हन जैसी सजी हुई है
बेला, चमेली, रात की रानी,
महक उठी बगिया रानी।
आओ अब हम पेड़ लगायें,
आम, अमरूद,जामुन ,लीची
कल ये पेड़ बड़े होंगे,
मीठे फलों से लदे होंगे,
मंजू श्रीवास्तव
५०२ प्रांगण अपार्टमेंट
सेक्टर ६२ नोएडा।
वगिया की महक!
जवाब देंहटाएंसुंदर गीत!
वगिया की महक!
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