इम्फाल भारत के मणिपुर राज्य की राजधानी है।यह एक खूबसूरत शहर है। यहाँ पर इला नाम की एक लड़की थी । जिसका घर एक तीन मंजिला इमारत में था। उसके घर के आंगन में इमली के इक्कीस पेड़ लगे हुए थे। इला कभी भी उन इक्कीस पेड़ों का ध्यान नही रखती थी । वह उनको हमेशा नुकसान पहुँचाती रहती थी। एक दिन इला की मम्मी को अपने आफ़िस से घर वापिस आने में देर हो गई ।
इला अपने विद्यालय से वापिस आ गई थी। परन्तु इला अपनी मम्मी को घर नहीं आई थी । मम्मी को घर पर न पाकर रोने लगी और रोते - रोते नीचे इमली के बगीचे में चली गई । तभी उसकी देखभाल के लिए रखी गई इमसी दौड़ी- दौड़ी उसके पीछे आ गई और बोली इला इधर आओ ,इधर आओ बोलते हुए नीचे आ गई ।
उनमें से एक पेड़ था इकवीर, वह इला को रोते हुए देखकर उससे पूछता है कि "इला इला तुम रो क्यों रही हो "?इला रोते-रोते कहती है," इकवीर मुझे भूख लगी है और देखो न मम्मा भी अभी तक नही आई हैं। मुझे सिर्फ उन्हीं के साथ खाना खाना है।"
इकवीर इला की बात सुनकर कहता है कोई नही इला तुम अपनी मम्मा का इंतज़ार करो उनकी इच्छा भी घर जल्दी आने की होगी अवश्य उन्हें कोई जरूरी काम आ गया होगा। जब तक तुम्हारी मम्मा आती है तुम कुछ थोड़ा बहुत खा लो बाकी अपनी मम्मा के साथ खा लेना।इतना कहकर
इकवीर इला को इमली खाने के लिए देता है ।वह कहता है इला लो इमली खा लो परंतु इला इंकार कर देती है ।वह कहती है मुझे नही खानी ।जब तक मेरी मम्मी नही आएगी मैं कुछ नही खाऊँगी और इतना कहकर वह रोना शुरू कर देती है मम्मा मम्मा ........ इकवीर रोती हुई इला के मुँह में झट से थोड़ी सी इमली डाल देता है जैसे ही वह इमली उसके मुहँ में जाती है इला चुप हो जाती है और कहती
है wow! इमली तो कितनी अच्छी है मुझे थोड़ी और दो न ।इकवीर कहता है ये लो इला और ले लो , तुम अपनी मम्मी को बोलना इसकी चटनी बना देगी फिर तुम इमली की चटनी को इडली के साथ खाना बहुत स्वादिष्ट लगेगी।
इला कहती है इकवीर तुम सही कह रहे हो इमली तो बहुत अच्छी है । इला कहती है इकवीर मुझे माफ कर दो तुम सब पेड़ तो कितने अच्छे हो ।हम इंसानो को कितना कुछ देते हो फल ,सब्जियाँ,तरह तरह की चीज़ें और ताज़ी हवा इत्यादि फिर भी मैं तुम्हारा कभी ध्यान नही रखती थी।
मैं वादा करती हूँ कि अब से मैं तुम्हारा और सभी पेड़ों का ध्यान रखूँगी। इकवीर कहता है हाँ-हाँ इला तुम सही कह रही हो अब से मैं भी तुम्हरा मित्र हूँ । तुम जब चाहो मुझसे मिलने आ सकती हो।तभी इला की मम्मी आ जाती हैं। इला इकवीर को bye करती हैं और अपनी मम्मा के साथ घर चली जाती है।
~ अंजू जैन गुप्ता