प्रिया देवांगन प्रियू की कविता : बिल्ली रानी बड़ी सयानी
बिल्ली रानी बड़ी सयानी ,
दिन भर करती मस्ती ।
इधर उधर वह घूमा करती,
नहीं एक जगह रहती।
इस घर से उस घर जाकर,
म्याऊ म्याऊ चिल्लाती।
अपने छोटे बच्चों को,
प्यार से दूध पिलाती।
चूहे को देखकर ,
दबे पांव वह चलती।
झट से पकड़ती चूहे को,
नहीं किसी से डरती ।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया छत्तीसगढ़
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