गुरुवार, 16 नवंबर 2017

 अर्चना सिंह‘जया का बालगीत : बारह माह




जनवरी,फरवरी,मार्च,

माह है ये सदाबहार।


अप्रैल,मई,जून,

ले जाते हमारा सुकून।



जुलाई,अगस्त,सितम्बर

भींग जाता धरती अंबर।


अक्टूबर,नवम्बर,दिसम्बर

ईद-दिवाली, क्रिसमस घर-घर।


‘बारह माह’ में आते कई पर्व,

गुजरने से मनाते हम नववर्ष।

  


                          अर्चना सिंह‘जया‘
                          गाजियाबाद 

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