अर्चना सिंह‘जया का बालगीत : बारह माह
जनवरी,फरवरी,मार्च,
माह है ये सदाबहार।
अप्रैल,मई,जून,
ले जाते हमारा सुकून।
जुलाई,अगस्त,सितम्बर
भींग जाता धरती अंबर।
अक्टूबर,नवम्बर,दिसम्बर
ईद-दिवाली, क्रिसमस घर-घर।
‘बारह माह’ में आते कई पर्व,
गुजरने से मनाते हम नववर्ष।
अर्चना सिंह‘जया‘
गाजियाबाद
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