शनिवार, 13 जनवरी 2018

शादाब आलम का बालगीत : ठंड हमें धमकाए





बाहर फैली धुंध, हवाएं
चलें सरर-सर सर
सुन्न पड़े हैं हाथ-पैर, हम-
कांपे थर-थर-थर।
पानी छूने से डर लगता
ठंड हमे धमकाए
फिर भी रिंकू रोज़ नहाकर
ही विद्यालय जाए।

                             शादाब  आलम

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें