बहुत साल पहले की बात है
एक राजा था । उसका नाम हिरनाकश्यप था । वह सोचता था कि वह भगवान् से भी ज्यादा ताकतवर है । इसीलिये उसने अपने राज्य में सब लोगों से कहा कि कोई भगवान् की पूजा नहीं करेगा जिसने भी भगवान् की पूजा की उसे बहुत बड़ा दण्ड मिलेगा । उस राजा के पास एक बेटा भी था जिसका नाम प्रहलाद था । प्रहलाद भगवान् का बड़ा भक्त था । वह अपने पिता के घमंड के विरुद्ध भगवान् की पूजा करने में लगा रहता था ।
एक दिन राजा प्रहलाद के कमरे के बाहर टहल रहा था । उसको किसी पूजा करने वाले की आवाज़ सुनाई दी । उसे बहुत गुस्सा आया और वह प्रहलाद के कमरे में गया उसने देखा कि प्रहलाद भगवान् की पूजा कर रहा है । वह बहुत क्रोधित हुआ और उसने प्रहलाद से कहा कि भगवान् से ज्यादा मै शक्ति शाली हूँ । तुम्हें मेरी पूजा करनी चाहिए भगवान् की पूजा नहीं करनी चाहिए। प्रहलाद ने कहा पिता जी भगवान् सबसे शक्तिशाली है और उस से शक्तिशाली और कोई नहीं है । इस लिए हम सभी को भगवान् की पूजा करनी चाहिए । " प्रहलाद ! , मैं तुम्हें आखिरी मौका देता हूँ भगवान् की पूजा करना छोड़ दो " । प्रहलाद बोला " नहीं "। फिर हिरनाकश्यप ने प्रहको पकड़ कर जहर खिलाया और पहाड़ पर से नीचे फेकवा दिया तब भी प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ । इस पर राजा को बहुत गुस्सा आया । यह देखकर उसकी बहन जिस का नाम होलिका था ने कहा कि भैया आप परेशान मत होइये । मुझको वरदान मे यह दुपट्टा मिला है जिसको ओढ़कर अगर मै आग मे बैठूंगी तब भी मुझे कुछ नहीं होगा ।
हिरनाकश्यप के कहने पर होलिका दुपट्टा ओढ़कर प्रहलाद को गोद में उठा कर आग मे बैठी ही थी कि बहुत तेज हवा बहने लगी और होलिका के ऊपर से दुपट्टा उड़कर प्रहलाद पर पड़ा जिससे होलिका तो जल गई परन्तु भगवान् की कृपा से प्रहलाद बच गया । भगवान् के भक्तों ने होलिका दहन की राख से असत्य पर सत्य की विजय का त्योहार मनाया ।
होली मेल मिलाप का और प्रेम सौहार्द का त्योहार है इसे रंग गुलाल से खेलना चाहिए गंदे पानी गंदे रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए । होली के अवसर पर घरो में पकवान बनते हैं आने जाने वालों के साथ मिलकर खाना चाहिए पर ध्यान रहे कि अपना पेट खराब नहीं हो जाए ।
संस्कृति श्रीवास्तव
कक्षा 2
ज्ञान भारती स्कूल
साकेत, नई दिल्ली 110068
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