सोमवार, 16 जुलाई 2018

रोज स्कूल जायेंगे  : महेन्द्र देवांगन की रचना







खतम हो गई छुट्टी अब तो, 

रोज स्कूल जायेंगे ।

मम्मी भर दो टिफिन डिब्बा, 

मिल बांटकर खायेंगे ।


नये नये जूता और मोजा, 

नया ड्रेस सिलवायेंगे ।

नई नई कापी और पुस्तक, 

नया बेग बनवायेंगे ।


नये नये सब दोस्त मिलेंगे, 

उनसे हाथ मिलायेंगे ,

नये नये शिक्षक और मैडम 

हमको खूब पढायेंगे ।


नहीं करेंगे अब शैतानी, 

डांट नहीं अब खायेंगे ।

टीचर जी के होमवर्क को ,

पूरा करके जायेंगे ।


मन लगाकर पाठ पढेंगे, 

अपना ज्ञान बढायेंगे ।

काम्पीटेशन के इस युग में, 

अव्वल नंबर लायेंगे ।



                      महेन्द्र देवांगन* *माटी* 

                       पंडरिया  (कवर्धा )

                       छत्तीसगढ़ 


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