प्रिय पाठकों
शिक्षक दिवस पर आप सभी को अपनी और "नाना की पिटारी" की ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं । इसी दिन महान शिक्षाविद डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वे भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति पद पर आसीन थे और तदुपरांत भारत के राष्ट्रपति हुए थे।. हम उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं ।
एक बधाई हम आपको हिन्दी दिवस कीभी दे रहे हैं जो 14 तारीख को पड रही है ।
विदित हो, दिनांक 4 फरवरी वर्ष 2014 को यह पत्रिका ' नाना की पिटारी ' पहली बार प्रकाशित होते हुई थी । विगत वर्षो में नाना की पिटारी ने, लगभग 625 , पठन सामग्री प्रकाशित किया । इनमे बालगीत, बालकथाएँ ,चुटकुले ,पहेलियों के अलावा ज्ञानवर्धक और मनोरंजक अन्य सामग्रियां भी शामिल रहीं हैं।
हमे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है बाल साहित्य लेखन में राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त रचनाकार सर्वश्री प्रभु दयाल श्रीवास्तव, डॉ प्रदीप शुक्ला भाई शादाब आलम जी तथा उपासना बेहार जी की रचनाएँ हम लगातार प्रकाशित करते रहे हैं वही नये रचनाकारों श्रीमती मंजू श्रीवास्तव , भाई महेंद्र देवांगन , कुमारी प्रिया देवांगन प्रियू, श्री सुशील शर्मा श्री कृष्ण कुमार वर्मा आदि की रचनाओं ने नाना की पिटारी को सुशोभित किया है हम सभी रचना कारो को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं ।
हिन्दी लेखन की और हम संकल्पित हैं परन्तु आजकल बहुत बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ते हैं उनकी रचनात्मक प्रतिभा को निखारने के लिए उन्हें भी सुयोग प्रदान करना है अतः हमने अंग्रेजी की अच्छी रचनाओं को भी इस पत्रिका में सम्मिलित करने का निर्णय लिया था इस क्रम में हम मुम्बई से श्रीमती सोनू तनवार की अंग्रेजी की श्रंखला The Winged hearts प्रकाशित कर रहे हैं.
अंत मे सभी पाठकों और शुभेक्षकों से निवेदन है कि इस पत्रिका के लिंक को ईमेल , फेसबुक और वाट्सएप में शेयर करके अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि इस निशुल्क पत्रिका का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके।
धन्यवाद
शरद कुमार श्रीवास्तव
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें