मंगलवार, 16 अक्टूबर 2018

महेन्द्र देवांगन माटी की रचना जय माता रानी





























जय माता रानी 
( ताटंक छंद) 

धूल चरण की तेरी माता  , माथे तिलक लगाता हूँ ।
जय अम्बे जगदंबे माता,  तेरे ही गुण गाता हूँ ।।1।।

आदि शक्ति जगदंब भवानी,  जग की तू कल्याणी है ।
आते हैं जो शरण तुम्हारे,  विपदा हरने वाली है ।।2।।

हार फूल मैं लेकर आऊँ , निश दिन दीप जलाता हूँ ।
अंधकार को दूर करो माँ , भजन रोज मैं गाता हूँ ।।3।।

मैं बालक अज्ञानी माता,  पूजा पाठ न जानूं मैं ।
माटी का मैं दीप जलाकर,  तुझको ही तो मानूं मैं ।।4।।

महेन्द्र देवांगन माट 
पंडरिया छत्तीसगढ़ 
8602407353
mahendradewanganmati@gmail.com 

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