जय माता रानी
( ताटंक छंद)
धूल चरण की तेरी माता , माथे तिलक लगाता हूँ ।
जय अम्बे जगदंबे माता, तेरे ही गुण गाता हूँ ।।1।।
आदि शक्ति जगदंब भवानी, जग की तू कल्याणी है ।
आते हैं जो शरण तुम्हारे, विपदा हरने वाली है ।।2।।
हार फूल मैं लेकर आऊँ , निश दिन दीप जलाता हूँ ।
अंधकार को दूर करो माँ , भजन रोज मैं गाता हूँ ।।3।।
मैं बालक अज्ञानी माता, पूजा पाठ न जानूं मैं ।
माटी का मैं दीप जलाकर, तुझको ही तो मानूं मैं ।।4।।
महेन्द्र देवांगन माट
पंडरिया छत्तीसगढ़
8602407353
mahendradewanganmati@gmail.com
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