मेरा गाँव है बड़ा सुहाना,
पीपल का है छाँव पुराना।
जिसमें बैठे दादा काका,
ताऊ भैया और बाबा ।।
तरह तरह की बात बताते,
नया नया किस्सा सुनाते ।
कभी नही वे लड़ते झगड़ते,
आपस में सब मिलकर रहते ।।
सुख दुख में सब देते साथ,
देते हैं हाथों में हाथ ।
चारों ओर है खुशियाँ छाई,
हिन्दू मुस्लिम भाई भाई ।।
तीज त्योहार मिलकर मनाते,
आपस में हैं गले मिलाते ।
स्वच्छ सुंदर मेरा गाँव,
चारों ओर हैं पेड़ों की छांव ।।
महेन्द्र देवांगन माटी (शिक्षक)
पंडरिया (कबीरधाम)
जिला -- कबीरधाम
छत्तीसगढ़
8602407353
mahendradewanganmati@gmail.com
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