बुधवार, 6 फ़रवरी 2019

मेरा गाँव : महेन्द्र देवांगन माटी की रचना






मेरा गाँव है बड़ा सुहाना, 
पीपल का है छाँव पुराना।
जिसमें बैठे दादा काका, 
ताऊ भैया और बाबा ।।

तरह तरह की बात बताते, 
नया नया किस्सा सुनाते ।
कभी नही वे लड़ते झगड़ते, 
आपस में सब मिलकर रहते ।।

सुख दुख में सब देते साथ,
देते हैं हाथों में हाथ ।
चारों ओर है खुशियाँ छाई, 
हिन्दू मुस्लिम भाई भाई ।।

तीज त्योहार मिलकर मनाते,
आपस में हैं गले मिलाते ।
स्वच्छ सुंदर मेरा गाँव, 
चारों ओर हैं पेड़ों की छांव ।।


                       महेन्द्र देवांगन माटी (शिक्षक) 
                       पंडरिया (कबीरधाम) 
                       जिला -- कबीरधाम 
                       छत्तीसगढ़ 
                       8602407353

                           mahendradewanganmati@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें