नाना की पिटारी
इन्टरनेट पर छोटे बच्चों के लिए हिन्दी की, जून 2025 को प्रकाशित एकमात्र मासिक निशुल्क पत्रिका
संपादक शरद कुमार श्रीवास्तव, मेरठ उ प्र
ईमेल nanakipitari@gmail.com
शनिवार, 16 फ़रवरी 2019
शादाब आलम की रचना : ठंड हमे धमकाए
बाहर फैली धुंध, हवाएं
चलें सरर-सर सर
सुन्न पड़े हैं हाथ-पैर, हम-
कांपे थर-थर-थर।
पानी छूने से डर लगता
ठंड हमे धमकाए
फिर भी रिंकू रोज़ नहाकर
ही विद्यालय जाए।
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