शुक्रवार, 26 अप्रैल 2019

मेरी यूरोप की यात्रा : शरद कुमार श्रीवास्तव




मेरी यूरोप की यात्रा

(गतांक से आगे )

टिटलिस पहाड़ियों  की  सैर 


अब हमारी यात्रा राइन-फाल देखने के बाद आगे बढ़ चुकी थी।. यूरोपा टूर की बस ने हमे अगले मुकाम यानि Zurich के एक अच्छे होटल  मे  पहुँचा दिया था।  उल्लेखनीय है कि पिछले अंक में हमने अपनी यात्रा पेरिस से प्रारंभ की थी।  भारत के काफी पर्यटन संचालकों के यात्री इस यूरोपा टूर की बस मे थे यानि सभी यात्री भारत के विभिन्न क्षेत्रों से ही थे और गाइड महोदय भी भारत में कश्मीर से थे।   वार्तालाप हिहिन्दी में ही होता था। दिन में हम दर्शनीय स्थल घूमते थे और रात मे अच्छे होटलों में रुकते थे।  रात्रि का भोजन भारतीय भोजनालयों मे टूर संचालकों द्वारा आयोजित रहता था और सुबह का नाश्ता- चाय, होटलों के सौजन्य से मुफ्त होता था ।.यह सब टूर पैकेज में निहित था। 

 रात को ज्यूरिख के एक भारतीय भोजनालय में रात का खाना खाने के बाद हमने एक आरामदेय होटल में विश्राम किया।   सुबह का नाश्ता हम लोगों को कराने के बाद  यूरोपा टूर की बस ल्यूसर्न (Lucern) , स्विट्जरलैंड के शहर को दिखाने के लिए ले गई। उस दिन इस शहर को देखने के लिए प्रायोजित समय सीमा मात्र दो घंटे थी। गाइड महोदय साथ में ही थे।  यूरोप के प्रसिद्ध शहर "ल्यूसर्न"  मध्य कालीन वास्तुकला के वैभव के लिए मशहूर है। यहांँ पर झील और चर्च है जो चारों ओर बर्फीली पहाडि़यों से घिरी हुई है।  यहाँ की सड़कों पर अच्छी खासी रौनक रहती है।   सैलानियों की अच्छी खासी भीड़ इसकी रौनक मे चार चांद लगा देती है।  यद्यपि समय के अभाव में हम अधिक नहीं घूम सके तथाापि  चर्च और झील के किनारे का बाजार अवश्य देखा। वहाँ के बाजार के पास ही यह झील थी।  इस झील को एक ढंके पुल से पार करना होता था।   पुल को पार करते ही शहर के उस भाग  में यहां का मशहूर चर्च स्थित है।  यह चर्च बहुत भव्य और शालीन है।. यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि इस पुल के ऊपर भारतीय फिल्म "दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे" के कुछ दृश्य फिल्माए गये थे।





 शहर मे निर्धारित समय बिताने के बाद हम अगले गंतव्य स्थान की तरफ एक अलग बस द्वारा अग्रसर हुए।   यह स्थान "टिटलिस" की खूबसूरत, बर्फ आच्छादित पहाड़ियां थीं।  इन पहाडों पर जाने के लिए एक स्थान पर पहुंचे जहांँ टिटलिस की पहाड़ियों पर जाने के लिए रोपवे का भव्य बेस स्टेशन  था।. पहाड़ी पर जाने के लिये हमे एक रोप वे से जाना था  रोपवे मे जाने के टिकट टूर आपरेटर ने ले रखे थे अतः हमे कोई परेशानी नहीं हुई। 

















यह उरी अल्पस् टिटलिस  पहाड़ियां  Obwalden और Bern के बीच समुद्री तल से लगभग 11000 फीट ऊपर, पर्वतों के उच्चतम श्रृंखलाओं पर Susten pass पर स्थित है जहाँ स्विट्ज़रलैंड से विश्व प्रसिद्ध केबल कार ( रोपवे) के द्वारा जाया जाता है।  यह केबल कार 11000 फिट की ऊंचाई को तीन रोमांचक चरणों मे पूरा करती हैं।   पहले के दो स्टेशन हमने एक ही केबलवे मे पूरी की परन्तु अन्तिम चरण के लिए दूसरी केबलकार से जाना पडा़  केबल कार से ऊपर जाने के लिए लगभग ₹1000  का टिकट लेना पडता है।  जिसकी व्यवस्था टूर आपरेटर करा देता है ।  चूंकि हम अपने बच्चों के साथ पांच लोग थे, अतः हम साथ साथ ऊपर तक गये और वापस एक साथ आये।  तीसरे  स्टेशन पर पहाडियों पर चारों ओर बर्फ ही बर्फ  थी खूब बर्फीली हवाओं में हम लोग आइस स्पोर्ट्स का आनन्द लिये।  यहां ँँ पर अधिक सैलानी भारतीय थे अतः  मनोरंजन के लिए पर्यटन आकर्षण के लिए  भारतीय फिल्म अभिनेता शाहरुख खान और काजोल के बड़े प्ले कार्ड लगे थे  जिनके बगल में खड़ होकर लोग  सेल्फी खींच रहे थे। टिटलिस को इस यात्रा की यादें बहुत दिनों तक मन मे ताजा रहीं। 



शरद कुमार श्रीवास्तव 




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