एक कटोरा
भरा दूध का ,
बिल्ली अभी
छोड़कर आई |
बोली उसको
नहीं पियूंगी,
उसमें बिलकुल
नहीं मलाई |
कल का दूध
बहुत फीका था ,
शक्कर बिलकुल
नहीं पड़ी थी |
घर की मुखिया
दादी मां से,
इस कारण वह
खूब लड़ी थी |
दूध ,मलाई
वाला होगा ,
खूब पड़ी होगी
जब शक्कर|
और मनाएंगी
जब दादी,
दूध पियूंगी तब
उनके घर |
प्रभूदयाल श्रीवास्तव
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