बचपन : अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
प्यारा बचपन न्यारा बचपन
मैगी खा के ख़ुश होता बचपन
नटखट हरकतों से लुभाता बचपन
सब को हर्षित करता यह बचपन
बचपन की हरकतों को देखो
रोटी दाल देख मुँह बनाता बचपन
सबका बचपन फ़िर से लौट आये
पचपन को भी बचपन फिर आये
मैगी देख के ललचाता पचपन
फिर भी बड़प्पन दिखा के न खाता पचपन
अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
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