शुक्रवार, 31 जुलाई 2020
गुरुवार, 30 जुलाई 2020
कोरोना - सब जगह है रोना : प्रिया देवांगन प्रियू की रचना
**********************
आज देश विदेश सभी जगह एक ही बात का चर्चा है।कोरोना वायरस।कोरोना वायरस का कहर चीन से निकल कर दुनिया के 122 देशों में फैला है।यह सबसे बड़ा वायरस है।इसके प्रकोप से लगभग 5000 से ज्यादा आदमी जान गवां चुके हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन {WHO}इसे महामारी घोषित कर चुके हैं।
कोरोना वायरस क्या है - कोरोना वायरस एक ऐसे सूक्ष्म वायरस है जिससे आदमी के शरीर मे पहुंच कर जल्दी अपना प्रभाव दिखाता है।यह चीन के वुहान नगर से शुरू हुआ है।
बीमारी के लक्षण - कोरोना वायरस का लक्षण सर्दी ,खाँसी , बुखार , गले मे खराश , सांस लेने में तकलीफ यही इसका लक्षण है।यह बीमारी हवा के माध्यम से एक दूरसे में बहुत जल्दी फैलता है।अगर किसी को सर्दी , खांसी या बुखार आये तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिये।
कोरोना वायरस से बचने का उपाय -
1. हाथ , पैर , मुँह को अच्छे से साबुन से धोना चाहिए।
2. खाँसते या छींकते समय मुँह में रुमाल रखना चाहिये।
3. भीड़ भाड़ में नही जाना चाहिये।
ये सब सावधानी सभी को करना चाहिये।
सावधानी ही इसका प्रमुख दवाई है।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
छत्तीसगढ़
Priyadewangan1997@gmail.com
मंगलवार, 28 जुलाई 2020
अनोखी बिरियानी
रविवार, 26 जुलाई 2020
ईश्वर की श्रृष्टि : शरद कुमार श्रीवास्तव की रचना
प्रिन्सेज डॉल की डॉल : शरद कुमार श्रीवास्तव
शीलकुंज. मेरठ
सुन लो करुण पुकार
नाना की पिटारी रचना डॉ रामगोपाल भारतीय
नाना की पिटारी से आए नाना
एक पिटारी लाए नाना
बच्चों को आते देखा तो
मंद मंद मुस्काए नाना
बंटी का अरमान है इसमें
बबली की भी जान है इसमें
खोलेंगे तो पता चलेगा
किस किस का सामान है इसमें
रखके घर के बीच पिटारी
सबको पास बुलाए नाना
पहले निकला भालू भाई
बंटी ने बांहे फैलाई
जापानी गुड़िया निकली तो
बबली खुश होकर चिल्लाई
चमक देख उनकी आंखों में
फूले नहीं समाए नाना
एक बैग में भरी मिठाई
मम्मी पापा सबने खाई
सोने से पहले नाना ने
कई कहानी हमें सुनाई
बच्चों की नन्हीं आंखों में
सपने बड़े सजाए नाना
दूर देश से आए नाना
एक पिटारी लाए नाना
डॉ रामगोपाल भारतीय,मेरठ
मो 8126481515
प्रिया देवांगन "प्रियू"
सुबह सुबह हर रोज के, आता है अखबार ।
चुस्की लेते चाय की, पढ़ते बाबा द्वार ।।
ताजा ताजा रोज के, खबरों का भंडार ।
बच्चे बूढ़े प्रेम से, पढ़ते हैं अखबार ।।
सभी खबर छपते यहाँ, अलग अलग हैं पृष्ठ ।
शब्दों का भंडार हैं, कहीं सरल तो क्लिस्ट ।।
फैल रहा है विश्व में, कोरोना का रोग ।
बता रहे अखबार में, कैसे जीयें लोग ।।
कोई देखे चित्र को, कोई देखे खेल ।
कोई देखे भाव को, कोई देखे रेल ।।
महेन्द्र देवांगन "माटी"
पंडरिया छत्तीसगढ़
mahendradewanganmati@gmail.com
कालू बन्दर : नीरज त्यागी की बाल कविता
गुरुवार, 16 जुलाई 2020
प्रिंसेज डाल और चूज़ा :: रचना शरद कुमार श्रीवास्तव
प्रिंसेज डाल और चूज़ा
सुबह सुबह प्रिन्सेज डाल को लगा कि बालकनी से उसे कोई पुकार रहा है । वह बालकनी में आयी और जब उसने इधर उधर देखा , तो उसे कोई नहीं दिखा । फिर बहुत धीमी एक आवाज आयीं ' प्रिन्सेज डाल बिलेटेड हैप्पी बर्थडे' । इस बार प्रिन्सेज डाल ने ध्यान से देखा । बालकनी के गमले पर कबूतर का छोटा सा चूजा उसे बधाई दे रहा है । वह चूजा बोला कि तुमने मुझे नहीं बुलाया लेकिन मैंने यहीं से तुम्हारा जन्मदिन देख लिया था । खूब रौनक थी! तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हारे घर तुम जैसे तो बहुत सारे बच्चे आये थे । प्रिन्से
ज डाल बोली हाँ रूपम डाल, अनुश्री, गायत्री, वसुधा, सुयश सहित मेरे क्लास के बहुत सारे बच्चे आये थे । आशी, शौर्य और चीबू भैया भी आये थे । मेरे बाबा.दादी जी मौसी जी भी मौसा जी के साथ आए थे । पता है ! अब मै छह साल की हो गई हूँ । अब मै एक साल बड़ी हो गई हूँ
चूजा बोला लेकिन तुम्हारे जन्मदिन पर रिदम नहीं आया था? प्रिन्सेज डाल ने उससे पूछा कि ये रिदम कौन है ? मैं तो उसे नहीं जानती हूँ । कौन है वह और तुम उसे कैसे जानते हो। चूजे ने प्रिन्सेज डाल को बताया कि अरे वही जो बूजो के साथ खेलता है और जिसके साथ बूजो ( कुत्ते के बच्चे का नाम ) रहता है । मेरी मम्मी कहती हैं अपने दोस्तों का नाम जानना चाहिये । मैं भी तो उसको नहीं जानता था , लेकिन मेरी मम्मी ने मुझे बताया था । वो तो उड़ कर सब जगह जाती रहती हैं और सबको पहचानती हैं । प्रिन्सेज डाल बोली मैं उसे जानती हूँ पर उसका नाम कभी नही पूछा है ।
प्रिन्सेज डाल फिर बोली ' पता है कि मेरे जन्मदिन पर छह स्टोरी वाला केक आया था । अब मै छह साल की हो गई हूँ इसलिए । पहले तो हम सब बच्चे अपने आप खूब खेले । कोल्ड ड्रिंक्स और चिप्स टाफी बिस्कुट खूब खाया । फिर हमें मजेदार खेल खिलाने एक और अंकल आये थे । हम सबने खूब मजा किया था । उन अंकल ने हमें प्राइज भी दिया । सबसे ज्यादा तो आशी और सुयश ने प्राइज पाये थे। दादी बाबा और नाना जी के आ जाने से बहुत अच्छा लग रहा था । हम लोगों ने खूब डान्स भी किया था। इसके बाद मैंने केक काटा था । सब लोगों ने हैप्पी बर्थडे वाला गाना गाया था । मुझे खूब गिफ्ट्स मिले और हमने भी सभी बच्चों को रिटर्न गिफ्ट्स भी दिये । सचमुच बहुत मजा आया
पहन पैजनिया : रचना वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी
बलजीत सिंह बेनामकी गजल रिमझिम रिमझिम आई बारिश
सबके मन को भाई बारिश
कितनी ख़ुशियाँ लाई बारिश
और किसी के आई बारिश
थोड़ा सा शरमाई बारिश
कितनी है हरजाई बारिश
महिमामयी नाक. :रचना अनंत पुरोहित अंनत
इक लड़की महेन्द्र कुमार वर्मा की रचना
करती है घर में रौनक,
सोमवार, 6 जुलाई 2020
प्रिन्सेज डाल और रूपम डॉल : शरद कुमार श्रीवास्तव
उम्मीद की किरण
सांप - नेवला
मानसून
स्वदेशी अपनाओ महेन्द्र देवांगन माटी की रचना
छोड़ विदेशी मालों को अब , स्वदेशी अपनाओ ।।
माल चाइना लेना छोड़ो, देता है वह धोखा ।
चले नहीं वह दो दिन भी जी, हो जाता है खोखा।।
ऐसे धोखेबाजों को तो, सबक सभी सीखाओ।
छोड़ विदेशी मालों को अब , स्वदेशी अपनाओ ।।
नहीं किसी से डरते हैं हम, हम हैं भारतवासी।
आँख दिखाये हमको जो भी, होगा सत्यानाशी।।
नहीं चलेगा राग विदेशी, वंदे मातरम गाओ।
छोड़ विदेशी मालों को अब, स्वदेशी अपनाओ ।।
एप्प चाइना को सब छोड़ो, भारत का अपनाओ।
नये नये तकनीक यहाँ भी, पैसा यहीं बचाओ।।
करो घमंडी का सिर नीचा, उसको अभी झुकाओ।
छोड़ विदेशी मालों को अब, स्वदेशी अपनाओ ।।