अपनी धरती अपनी माटी, इसको स्वर्ग बनाओ।
छोड़ विदेशी मालों को अब , स्वदेशी अपनाओ ।।
माल चाइना लेना छोड़ो, देता है वह धोखा ।
चले नहीं वह दो दिन भी जी, हो जाता है खोखा।।
ऐसे धोखेबाजों को तो, सबक सभी सीखाओ।
छोड़ विदेशी मालों को अब , स्वदेशी अपनाओ ।।
नहीं किसी से डरते हैं हम, हम हैं भारतवासी।
आँख दिखाये हमको जो भी, होगा सत्यानाशी।।
नहीं चलेगा राग विदेशी, वंदे मातरम गाओ।
छोड़ विदेशी मालों को अब, स्वदेशी अपनाओ ।।
एप्प चाइना को सब छोड़ो, भारत का अपनाओ।
नये नये तकनीक यहाँ भी, पैसा यहीं बचाओ।।
करो घमंडी का सिर नीचा, उसको अभी झुकाओ।
छोड़ विदेशी मालों को अब, स्वदेशी अपनाओ ।।
छोड़ विदेशी मालों को अब , स्वदेशी अपनाओ ।।
माल चाइना लेना छोड़ो, देता है वह धोखा ।
चले नहीं वह दो दिन भी जी, हो जाता है खोखा।।
ऐसे धोखेबाजों को तो, सबक सभी सीखाओ।
छोड़ विदेशी मालों को अब , स्वदेशी अपनाओ ।।
नहीं किसी से डरते हैं हम, हम हैं भारतवासी।
आँख दिखाये हमको जो भी, होगा सत्यानाशी।।
नहीं चलेगा राग विदेशी, वंदे मातरम गाओ।
छोड़ विदेशी मालों को अब, स्वदेशी अपनाओ ।।
एप्प चाइना को सब छोड़ो, भारत का अपनाओ।
नये नये तकनीक यहाँ भी, पैसा यहीं बचाओ।।
करो घमंडी का सिर नीचा, उसको अभी झुकाओ।
छोड़ विदेशी मालों को अब, स्वदेशी अपनाओ ।।
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