शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020

बीसतीस साल बाद कम्प्यूटर की दुनिया में




प्रिंसेज डॉल सुबह सुबह ही अपनी मम्मी के लैपटॉप को खोलकर बैठ गयी।  मम्मी घर से बाहर किसी काम से निकल  गई थी। अच्छा मौका था और कोई दूसरा रोक टोक करने वाला नहीं था पापा जी तो पहले ही टूर पर थे।

उसने मम्मी को लैपटॉप पर www टाइप करते देखा था अतः उसने भी वैसा ही किया लेकिन तीन बार w की की दबाने के स्थान पर उसने पांच बार w की को दबा दिया। फिर क्या था कि स्क्रीन पर दो मटकती हुई आंखें झांकने लगी। प्रिंसेज डॉल ने डरते हुए पूछा कि आप कौन हैं।  तभी लैपटॉप से आवाज आई मै wwwww से हूँ यानी world wide Web with wonders और आपने ही मुझे बुलाया है।.


प्रिंसेज डॉल ने पूछा कि आप मेरे लिए क्या कर सकते हैं।   इसपर उसने कहा कि मै अपनी साइट से आपको कहीं भी ले जा सकता हूँ अगर आप के पास उसका ईमेल अथवा वाट्सअप नंबर हो और  वापस भी छोड़ सकता हूँ।   प्रिंसेज ने थोड़ी हिम्मत दिखाई और अपनी नानी का वाट्सअप नम्बर टाइप कर दिया।. लैपटॉप ने जल्दी से उसे कम्प्यूटर मे एक तरंग माध्यम मे खींच लिया और वह तुरंत अपनी नानी के कम्प्यूटर पर पहुंच गई।  नानी जी का लैपटॉप बन्द था इसलिए वह बाहर नहीं निकल सकती थी।

उसने wwwww को फिर रोकर कहा कि मुझे अपनी मम्मी के पास जाना है।  वो तरंगें  जो उसे नानी के साइट पर ले गईं थीं उन्होंने प्रिंसेज से उसकी मम्मी का ईमेल या वाट्सअप नंबर पूछा जो उसे रटा हुआ था बता दिया और वह फिर से मम्मी के लैपटॉप पर आ गई और बाहर आ गई।  तब तक उसकी मम्मी बाहर से लौट कर नहीं आई थीं।  प्रिंसेज डॉल को अच्छा सबक मिल गया था कि वह आगे से मम्मी का लैपटॉप नहीं छुएगी।  इसी बहाने प्रिंसेज डॉल ने अबसे बीस तीस साल बाद की कम्प्यूटर की दुनिया का मज़ा ले लिया था।

शरद कुमार श्रीवास्तव 



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