शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

मानवता का कल्याण करो : श्रीमति मिथिलेश शर्मा

 




पथ तो अनेक मिल जायेंगे

कुछ लक्ष्य नया निर्माण करो,

जो बीत गया सो व्यर्थ गया 

बस आगत का सम्मान करो.

                                               

जो हैं भूले भटके-पिछड़े 

उनको जागृति का सम्बल दो, 

ये हीन शक्ति का द्योतक हैं 

इनको केवल अवलंबन दो.

इतिहास स्वयं बन जायेगा 

कुछ त्याग और बलिदान करो, 

पथ तो अनेक मिल जायेंगे 

कुछ लक्ष्य नया निर्माण करो.


सुख को ही मत समेट लो तुम 

दुखों को भी स्वीकार करो, 

जो हैं शोषित, शापित, ताड़ित

उनको भी अंगीकार करो.

अज्ञान मिटाकर धरती के 

कण-कण से नव उत्थान करो, 

मानव हो बस मानव रह कर 

मानवता का कल्याण करो.


रचना-

श्रीमति मिथिलेश शर्मा

एम.ए., साहित्यरत्न. 

भूतपूर्व अध्यापिका, लखनऊ.  

  

  

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