मम्मी मुझको गन दिलवा दो,
मैं सीमा पर जाऊंगा,
ताबड़तोड़ फायरिंग करके,
दुश्मन मार भगाऊंगा।
मैं दुश्मन को उसके घर में,
घुसकर के धमकाऊँगा,
ढिशू-ढिशू करके मैं उसको,
नानी याद दिलाऊंगा।
दुश्मन हमको हाथ लगाए,
यह कैसे हो सकता है,
उसके दोनों हाथ काटकर,
ही घर वापस आऊंगा।
मेरी इस नन्हीं पिस्टल को,
देखा अभी न बच्चू ने,
इसकी गोली से दुश्मन के,
सारे होश उड़ाऊंगा।
भारत माता की जय कहना,
दुनियाँ को सिखलाऊंगा,
स्वयं तिरंगा लेकर मम्मी,
सीमा पर लाहराऊँगा।
मेरा भारत सबसे प्यारा,
इसको सीस झुकाऊंगा,
देश भक्ति का गीत सिखा दो,
मैं तन-मन से गाऊँगा।
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वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी
मुरादाबाद/उ, प्र,
9719275453
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