छन्न पकैया छन्न पकैया, माता घर घर जाती।
नौ कन्या बनकर के माता, खुशियाँ वह बिखराती।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, बेटी दुर्गा काली।
सदा करो रक्षा तुम मानव, बनकर के तुम माली।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, मैया दर्शन देती।
नौ दिन तक जो पूजा करते, सारे दुख हर लेती।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, बेटी सभी बचाओ।
जग को रौशन करती बेटी, धरती पर तुम लाओ।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, नव दिन जोत जलाओ।
मनोकामना पूरी होगी, कन्या भोज कराओ।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें