पापा आप एक आस हो,श्वास हो।
हर पल, हर लम्हा लगे कुछ खास हो।
जन्म से मिला जो ,वो अनमोल एहसास हो।
आप ही जीवन का आधार
हो। अस्तित्व की पहचान हो
पापा आप एक आस हो,
श्वास हो, हर पल,हर
लम्हा लगे कुछ खास हो
आप ही आदर्श हो,सखा हो;
दार्शनिक हो व जीवन की रफ्तार हो।
सवालों से भरे इस जग में हर सवाल का जवाब हो।
पापा आप एक आस हो,श्वास
हो।हर पल हर लम्हा लगे कुछ
खास हो।
पापा आप हो तो बचपन से ले
बुढापे तक शरारतो व मस्ती
की भरमार हो।
हमारी हर चाह व डिमांड को
पूरा करने वाला क्रेडिट कार्ड हो
पापा आप एक आस हो,श्वास हो।
हर पल हर लम्हा लगे कुछ खास हो।
आप ही हौसला हो ,विश्वास हो;
जिंदगी के इस सफर में सबसे
खूबसूरत एहसास हो।
अंजू जैन गुप्ता
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें