गुरुवार, 6 जनवरी 2022

नव वर्ष 2022

 




नव वर्ष आगंतुक का कर स्वागत बाहें फैला 


गत वर्ष के गिलेशिकवे से न रखना कोई सिला।


 कल तो हो गया स्वप्न, नव कल को कर शीश नमन 


उम्मीदों-विश्वास,उल्लास-उमंग से चल भर ले दामन।


 संयम,संकल्प और नव विचार का कर समर्पण 


तिमिर चीरता नव प्रभात से सजा ले धरती-गगन। 


पल पल गुज़रते लम्हों में, खोज ले मुस्कुराता जीवन 


गीत संगीत से सजाकर, ले जीवन का भरपूर आनंद।


सुख-दुःख से परे मधुरिम रस भरता चल आजीवन 


चहकता महकता उपवन से सजता रहे जीवन प्रांगण।


🙏😊🙏

* अर्चना सिंह जया,    

गाजियाबाद।

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