मैं समय हूँ ।
मेरी परवाह करना सीखो ।
मेरे साथ चलो , कदम मिलाकर ..
अन्यथा छूट जाओगे , इस भागमभाग में ।
मुट्ठी में रेत की तरह फिसलता हूँ ।
लोगो के सोच से , मैं आगे निकलता हूँ ।
हाँ ! मैं समय हूँ ।
जिंदगी के सफर पर , मुझे पहचान लो ।
चलना पड़ेगा साथ में , अच्छे से ये जान लो ...
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कृष्ण कुमार वर्मा
रायपुर , छत्तीसगढ़
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