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2081 |
नए वर्ष की नूतन किरणे,
भरें उजाला घर - घर में,
दूर-दूर तक मानवता का,
बने शिवाला घर - घर में!
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शीतल छाया रहे प्यार की,
सुख का वातावरण रहे,
विपदाओं को दूरभगा कर,
खुशियों का अवतरण रहे,
ईश्वर का आशीष सभी पर,
रहे निराला घर-घर में!
गंगा की निर्मल धारा सा,
मन का कोना-कोना हो,
सुखनींदों को आदर्शो का,
सुन्दर सतत बिछोना हो,
सबके तनपर सदाचार का,
रहे दुशाला घर-घर में!
सुख वैभव की घिरें घटाएं,
दौलत की वर्षा बरसे,
अन्न फूल-फल मेवाओं से,
जन मानस का मन हरसे,
दूध-दही की रीती मटकी ,
भरें कृपाला घर-घर में!
ईश्वर से है यही प्रार्थना,
नूतन वर्ष फले - फूले,
इक दूजे को गले लगाकर,
झूलें प्यार भरे झूले!
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वीरेन्द्र सिंह "ब्रजवासी"
मुरादाबाद /उ. प्र.
9719275453
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