ब्लॉग आर्काइव

बुधवार, 26 जून 2024

खरगोश और बंदर की दोस्ती

 



एक बार  की बात है। एक बंदर और एक खरगोश जंगल में रहते थें। एक दिन  खरगोश गाजर खा रहा था और वहीं बंदर पहुँच गया। बंदर कहता, गाजर कौन खाता है। हम तो केला खाते है।

 खरगोश कहता ,बंदर केले खाते हैं और खरगोश गाजर खाते हैं। फिर इसी बात से दोनों बिछड़ गए।

फिर खरगोश ने सोचा की केला खाकर देखते है।कि, केला कैसा है। और बंदर ने सोचा कि गाजर खाकर देखते है कि , गाजर कैसी है। फिर दोनों को दोनों चीज़ें अच्छी लगी। 

तो दोनो वापिस दोस्त बन गए। 

Moral-हमें सारे फल  और सब्जियाँ खाने चाहिए। 



पार्थ गुप्ता

कक्षा-तीसरी

साहसी चिड़िया!

 


सूरज  पर नाराज  हो  रही,

नन्हीं       चिड़िया     रानी,

सारी  ऐंठ  निकल जाएगी,

बरसा   जिस   दिन  पानी!


बादल का छोटासा टुकड़ा,

तेरा    मुख     ढक   लेगा,

नहीं  निकलने   देगा  तेरा,

सारा    बल     हर   लेगा!


रोजलाल-पीला होकर तू,

हम   पर   रौब    जमाता,

घोर गर्जनाएं  बादल  की,

सुनकर   घबरा     जाता!


तेरी  गर्मी  से  हम   पंछी,

हार        नहीं       मानेंगे,

अम्बरमें ऊंचे उड़कर हम,

तेरा       सच       जानेंगे!


बादल भैया  साथ  हमारे,

फिर  क्यों   डरें   बताओ,

चिड़िया बोली घोर घमंडी,

सूरज     वापस    जाओ!


चिड़िया के गुस्से के आगे,

सूरज    बोल    न   पाया,

हफ्तोंतक सूरज नेअपना,

मुखड़ा    नहीं   दिखाया!

   


   वीरेन्द्र सिंह "ब्रजवासी"

      9719275453

           ----#-----

मंगलवार, 25 जून 2024

मीरा का बर्थडे : डा रामगोपाल भारतीय, का बालगीत

 



मेरी गुड़िया खुश हो जाए

हैप्पी बर्थडे में सब आए

सूरज भी आए,चंदा भी आए

अपने साथ सितारे लाए।

मेरी गुड़िया खुश हो जाए।


मम्मी पापा, दादा दादी

गुड़िया है सबकी शहजादी

भैय्या संग बच्चों ने मिलकर 

घर में महफिल खूब सजादी

मीठा केक सभी को भाए।

मेरी गुड़िया खुश हो जाए।


भालू,बंदर और मियाऊं

चिड़िया बोली मैं भी आऊं

आसमान की परियां बोली

गाना गाकर तुम्हें सुनाऊं

नाचें, गाएं,धूम मचाए।

मेरी गुड़िया खुश हो जाए।


मम्मी बोली रात हो गई

थोड़ी सी बरसात हो गई

सब अपने अपने घर लौटे 

गुड़िया मां के साथ सो गई

सपनों में गुड़िया खो जाए।

मेरी गुड़िया खुश हो जाए।



डा रामगोपाल भारतीय,मेरठ