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बुधवार, 26 जून 2024

साहसी चिड़िया!

 


सूरज  पर नाराज  हो  रही,

नन्हीं       चिड़िया     रानी,

सारी  ऐंठ  निकल जाएगी,

बरसा   जिस   दिन  पानी!


बादल का छोटासा टुकड़ा,

तेरा    मुख     ढक   लेगा,

नहीं  निकलने   देगा  तेरा,

सारा    बल     हर   लेगा!


रोजलाल-पीला होकर तू,

हम   पर   रौब    जमाता,

घोर गर्जनाएं  बादल  की,

सुनकर   घबरा     जाता!


तेरी  गर्मी  से  हम   पंछी,

हार        नहीं       मानेंगे,

अम्बरमें ऊंचे उड़कर हम,

तेरा       सच       जानेंगे!


बादल भैया  साथ  हमारे,

फिर  क्यों   डरें   बताओ,

चिड़िया बोली घोर घमंडी,

सूरज     वापस    जाओ!


चिड़िया के गुस्से के आगे,

सूरज    बोल    न   पाया,

हफ्तोंतक सूरज नेअपना,

मुखड़ा    नहीं   दिखाया!

   


   वीरेन्द्र सिंह "ब्रजवासी"

      9719275453

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