राजा की खुशियाँ
राजधानी दिल्ली के एक चौराहे पर अनेक बच्चों की तरह राजा भी तरह तरह की चीजें लेकर कारो के आगे पीछे दिन भर भागता दौड़ता फिरता था । सुधीर अपने पापा की बड़ी सी कार मे स्कूल से लौटते समय उधर से ही गुजरता था । शायद ही कभी ऐसा दिन हो जब सुधीर की गाड़ी के शीशे के बाहर राजा दिखाई नहीं पड़ता हो । जिस दिन सुधीर को राजा दिखाई नहीं देता था उसे कुछ खाली खाली सा लगता था ।
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