नाना की पिटारी
इन्टरनेट पर छोटे बच्चों के लिए हिन्दी की, जून 2025 को प्रकाशित एकमात्र मासिक निशुल्क पत्रिका
संपादक शरद कुमार श्रीवास्तव, मेरठ उ प्र
ईमेल nanakipitari@gmail.com
सोमवार, 16 जनवरी 2017
दादा जी ने पतंग उड़ाई
दादाजी ने पतंग उडाई
मंझा-चरखी-डोर मंगाई
दादा जी ने पतंग उड़ाई
ग्यारह पेंच उन्होंने काटे
इसी ख़ुशी में लड्डू बांटें
मम्मी-पापा, मौसी- ताई
दिया सभी ने उन्हें बधाई
दादाजी के मिले न भाव
घूमे मूंछों पर दे, ताव।
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