मकर संक्रांति मनाये
आओ हम सब मकर संक्रांति मनाये
तिल की लड्डू सब मिलकर खाये।
घर में हम सब खुशियाँ फैलाये
पतंगे हम खूब उड़ाये।
सब मिलकर हम नाचे गाये
मौज मस्ती खूब उड़ाये।
आओ हम सब मकर संक्रांति मनाये
तिल की लड्डू सब मिलकर खाये।
गली मोहल्ले मे बांटे सारे ।
सब मिलकर कर खाये प्यारे
गंगा में डूबकी लगाये ।
शरीर अपना स्वस्थ बनाये ।
आओ हम सब मकर संक्रांति मनाये
तिल की लड्डू सब मिलकर खाये।।
आओ हम सब मकर संक्रांति मनाये
तिल की लड्डू सब मिलकर खाये।
घर में हम सब खुशियाँ फैलाये
पतंगे हम खूब उड़ाये।
सब मिलकर हम नाचे गाये
मौज मस्ती खूब उड़ाये।
आओ हम सब मकर संक्रांति मनाये
तिल की लड्डू सब मिलकर खाये।
गली मोहल्ले मे बांटे सारे ।
सब मिलकर कर खाये प्यारे
गंगा में डूबकी लगाये ।
शरीर अपना स्वस्थ बनाये ।
आओ हम सब मकर संक्रांति मनाये
तिल की लड्डू सब मिलकर खाये।।
रचना प्रिया देवांगन "प्रियू" गोपीबंद पारा पंडरिया जिला -- कबीरधाम ( छ ग ) Email --priyadewangan1997@gmail.com
सुंदर रचना बधाई हो
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना बधाई हो
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