रविवार, 15 जनवरी 2017

संपादक की ङेस्क से


आप सभी  को  नववर्ष  की  शुभकामनाएं,
नयी साइट 'ब्लॉगर्स'  पर हम आपका स्वाग़त करते हैं।   आने वाली 4  फरवरी को आपकी पत्रिका ' नाना की पिटारी ' के अंतर्जाल  पर प्रकाशित  होते हुए 3 वर्ष पूरे हो रहे हैं।      इन तीन वर्षो की  यात्रा     में नाना की पिटारी  ने, लगभग  525 , पठन सामग्री प्रकाशित  किया ।   इनमे  बालगीत, बालकथाएँ ,चुटकुले ,पहेलियों के अलावा ज्ञानवर्धक और मनोरंजक अन्य सामग्रियां  भी सम्मिलित    रहीं हैं।    हिन्दीब्लोग्स.नेट  पर कुछ तकनीकी समस्याओं  के चलते   पूरा ब्लॉग अदृश्य हो गया था  और वे डाटा रिकवरी में अक्षम थे अतः   हमें  नए सिरे से दूसरे  ब्लॉगर के साथ जुड़ना पड़ा। पिछले  ब्लॉग का काफी बैक-अप हमने ऐतिहात के  तौर  पर पहले से  ही   ले रखा था।    अब उसका  उपयोग  समय समय  पर हम  अच्छी  रचनाओं को इस    ब्लॉग में  पुनर्प्रकाशित   करने मे  करेंगे   ।  शीघ्र ही हम उन रचनाओ को  एक पुस्तक " नाना जी के बालगीत और बॉल कथायें "  के रूप में भी  प्रकाशित  कर रहे है ।   प्रकाशित होने पर इसकीसूचना   हम आपको देंगे।
हमे आपको  यह बताते  हुए  खुशी  हो रही  है   बाल साहित्य  लेखन  में  राष्ट्रीय  स्तर  के  ख्याति  प्राप्त  रचनाकार   सर्वश्री  प्रभु दयाल श्रीवास्तव,  डॉ  प्रदीप  शुक्ला  भाई शादाब  आलम जी तथा उपासना  बेहार जी की रचनाएँ  हम लगातार  प्रकाशित  करते  रहे हैं  वही नये रचनाकारों की  रचनाओं  ने   नाना  की  पिटारी को सुशोभित  किया है हम सभी  रचना  कारो को   धन्यवाद ज्ञापित  करते  हैं  ।

हिन्दी लेखन की और हम संकल्पित हैं परन्तु  मुख्या धारा में जुड़ने के लिए  हमे साथ में अंग्रेजी को भी साथ में लेकर चलना  होगा ।   आजकल  बहुत  बच्चे  अंग्रेजी   माध्यम के स्कूलों में पढ़ते हैं उनकी  रचनात्मक  प्रतिभा  को  निखारने  के  लिए  उन्हें  भी  सुयोग  प्रदान  करना  है।
अंत मे सभी पाठकों  और  शुभेक्षकों से निवेदन  है  कि  इस  पत्रिका  को ईमेल  , फेसबुक  और वाट्सएप  में  शेयर  करके  अधिक  से अधिक  लोगों  तक  पहुंचाएं।
धन्यवाद

                               शरद  कुमार  श्रीवास्तव
                              संपादक        

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