बुधवार, 26 अप्रैल 2017




( नन्हीं चिंड़िया)

नन्हीं चिंडिया मां से बोली,
मां मुझको भी सिखलाओ,
करूं सैर मैं दुनियां की भी,
दूर गगन में भी उड़ जाऊं,
मां बोली अभी हो तुम नन्हीं ,
पंख जरा तुम उग आने दो,
लाई मैं दाना दूर दूर से ,
चुन चुन दाना तुम खाओ,
नन्हीं चिंडिया मां से बोली,
मां मुझको भी सिखलाओ,.....
उगने लगे जब पंख देखकर,
नन्हीं चिडिंया फिर से बोली,
दाना चुनने चलूं साथ मैं,
साहस भी मैं  दिखलाऊं,
फुदक फुदक लगी झूमने,
लगी खुशी से भी उड़ने,
नन्हें पखों को फैलाकर,
चली सैर गगन की करने,
दाना चुनने लगी है चिड़िया,
मां बोली अब उड़ जाओ,
नन्हीं चिंडिया मां से बोली,
मां मुझको भी सिखलाओ,


                             भुवन बिष्ट
                              रानीखेत (उत्तराखण्ड)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें