रविवार, 16 अप्रैल 2017

भुवन बिष्ट की रचना :भारत वन्दना




भारत  वन्दना









नवल प्रभात की किरणों से,
फैली है जग में हरियाली,
मानवता ही फैले जग में,
चहुं दिशा में फैले खुशहाली,
राग द्वेष की बहे न धारा,
हिंसा मुक्त हो जगत हमारा,
फैले धरा में अब हरियाली,
भारत -भू में खुशहाली
                             भुवन बिष्ट
                             रानीखेत

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