नाना की पिटारी
इन्टरनेट पर छोटे बच्चों के लिए हिन्दी की, जून 2025 को प्रकाशित एकमात्र मासिक निशुल्क पत्रिका
संपादक शरद कुमार श्रीवास्तव, मेरठ उ प्र
ईमेल nanakipitari@gmail.com
रविवार, 16 अप्रैल 2017
शादाब आलम की रचना : जादूगर जी
जादूगर जी
जादूगर जी जादूगर जी
बस्ता मेरा भारी है
इसे लादकर मुझको, चलने
में होती दुश्वारी है।
मंतर ऐसा मुझे बता दो
पढ़ते ही उड़ जाऊं मैं
पलक झपकते ही बस खुद को
विद्यालय में पाऊं मैं।
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