प्रभु दयाल श्रीवास्तव का बालगीत :प्यारी दादी
प्यारी दादी अम्मा मुझको,
चंदा जरा दिखादे।
चमक रहे हैं नभ् में तारे,
उनसे बात करा दे।
मोबाईल पर पूरी घंटी,
दे देकर मैं हारी।
पर तारों ने कभी आज तक,
बात न सुनी हमारी।
चन्दा को मामा कहने का,
अर्थ समझ न आया।
जो माँ से राखी बंधवाने,
नहीं आज तक आया।
प्रभु दयाल श्रीवास्तव
छिन्दवाडा, मध्य प्रदेश
बहुत अच्छी कविता
जवाब देंहटाएं