शुक्रवार, 16 मार्च 2018

प्रिया देवांगन "प्रियू" की रचना : मुस्कराना सीखो



छोटी सी जिंदगी है , 

हमेशा मुस्कराना सीखो।

अपने बीते लम्हो को ,

प्रेम से सजाना सीखो।
1 क्या रखा है इस दुनिया में ,

मुस्कुरा के जीना सीखो।

चार दिन की है ये जिंदगी ,

इसको स्वर्ग बनाना सीखो।

कल क्या होगा इतना न सोचो,

जो आज हो रहा है उसमें जीना सीखो।

हार मान कर बैठने से कुछ  नही होगा,

मन में हौसला बनाना सीखो।

हमेशा मुस्कुराना सीखो।

हमेशा मुस्कुराना सीखो ।





                       प्रिया देवांगन "प्रियू"

                      पंडरिया  (कवर्धा )

                      छत्तीसगढ़ 

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