झूम उठेंगे पौधे सारे , नदिया भी लहरायेगी ।
चहक उठेगें पक्षी सारे , अपनी प्यास बुझायेगी ।।
हरी भरी पेड़ों की छाया , राही भी सुस्तायेंगे ।
खूब लगेंगे मीठे फल जब , बड़े मजे से खायेंगे ।।
शुद्ध हवा जब आयेगी तो , दिल भी खुश हो जायेगें ।
रहे स्वस्थ बच्चे बूढ़े भी, बीमारी को दूर भगाएगें।।
आओ साथी मिलकर सारे , हम भी पेड़ लगायें ।
अपनी धरती अपनी माटी , इसको स्वर्ग बनायें ।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया (कवर्धा)
छत्तीसगढ़
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