नाना की पिटारी
इन्टरनेट पर छोटे बच्चों के लिए हिन्दी की, जून 2025 को प्रकाशित एकमात्र मासिक निशुल्क पत्रिका
संपादक शरद कुमार श्रीवास्तव, मेरठ उ प्र
ईमेल nanakipitari@gmail.com
मंगलवार, 26 नवंबर 2019
अम्मा मेरी : शादाब आलम
मैं जब भी शैतानी करता तो अम्मा चिल्लाती है नहीं मानता कभी-कभी तो मुझको चपत लगाती है। जैसे ही मैं रोने लगता अपने पास बुलाती है दुलराती-सहलाती मुझको और बहुत पछताती है
सरल और बेहतरीन कविता की हार्दिक बधाई
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