नाना की पिटारी
इन्टरनेट पर छोटे बच्चों के लिए हिन्दी की, जून 2025 को प्रकाशित एकमात्र मासिक निशुल्क पत्रिका
संपादक शरद कुमार श्रीवास्तव, मेरठ उ प्र
ईमेल nanakipitari@gmail.com
मंगलवार, 26 नवंबर 2019
गिलहरी
धरा पर कभी पेड़ पर ठहरी
दाना-तृन खाती हुई गिलहरी
पिछले पैरों पर खड़ी हो जाती
दाना खाती हुए वो हमे लुभाती
पंछी चिडियों से वह पंगा लेती
दाना किसी को नहीं खाने देती
फुदक इधर से उधर वह जाती
कण-कण दाना चट कर जाती
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