लगे चहकने पक्षी सारे, गौ माता भी रंभाई।।
कमल ताल में खिले हुए हैं, फूलों ने ली अँगड़ाई।
मस्त गगन में भौंरा झूमे, तितली रानी भी आई।।
सरसों फूले पीले पीले, खेतों में अब लहराये।
कूक उठी है कोयल रानी, बासन्ती जब से आये।।
है पलाश भी दहके देखो, आसमान में रँग लाई।
पढ़े प्रेम की पाती गोरी, आँचल अपनी लहराई।।
दिखे प्रेम का भाव अनोखा, सुंदर चिकने गालों में ।
झूम रही है साँवल गोरी, गजरा डाले बालों में ।।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
8602407353
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी
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