जंगल के राजा को आया
इतना तेज बुखार
आंखें लाल नाक से पानी
छीकें हुईं हज़ार
दौड़े - दौड़े गए जानवर
औषधिपति के द्वार
हाल बताकर कहा देखने
चलिए लेकर कार।
नाम शेर का सुना हाथ से
छुटे सब औज़ार
चेहरा देख सभी ने उनको
समझाया सौ बार
बच जाएंगे तो दे देंगे
दौलत तुम्हें अपार
चलिए श्रीमन देर होरही
पिछड़ रहा उपचार।
मास्क लगा,पहने दस्ताने
होकर कार सवार
डरते-डरते पहुंचे भैया
राजा के दरबार
पास बैठके राजा जीका
नापा तुरत बुखार
बोले सुई लगानी होगी
इनको अबकी बार।
सांस फूलते देख शेर की
करने लगे विचार
यह तो कोरोना है इसकी
दवा नहीं तैयार
ज़ोर ज़ोरसे लगे चीखने
भागो भागो यार
जान बचानी है तो रहना
घरके अंदर यार।
वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी
मुरादाबाद/उ,प्र
मो0- 9719275453
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