बुधवार, 16 मार्च 2022

दुष्ट चूहे रचना शरद कुमार श्रीवास्तव



खुश होकर झूमते चूहे चार

बिल्ली जी को चढ़ा बुखार

पारा हुआ एक सौ के पार 

मौसी जी बेदम पड़ी लाचार


चूहों ने खूब थी मौज मनाई

बिल्ली की चट करी मलाई 

बिल्ली ने तब हाथ घुमाया

चूहों का झट किया सफाया





शरद कुमार श्रीवास्तव 

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