मंगलवार, 6 जून 2023

हमारी सुरक्षा, हमारे हाथ

 





चुस्की और मुस्की गिर के घने जंगलों  में अपने परिवार के साथ रहती थी। चुस्की एक  समझदार और बुद्धिमान बिल्ली थी और टिप्सीउसकी छोटी बहन थी।वैसे तो दोनो एक- दूसरे से बहुत प्यार करते थे किंतु तुरंत ही छोटी - छोटी बातों पर झगड़ने लगते थे।

एक दिन दोनो बहनें माँ के साथ बाज़ार जा रही थी, तभी टिप्सी सड़क पर हाथ छुड़ाकर दौड़ना शुरू कर देती है किन्तु माँ शीघ्र ही दौड़कर टिप्सी को पकड़ लेती हैं। तभी चुस्की कहती है कि टिप्सी माँ ने कितनी बार बताया है , "कि हमें सड़क के सभी नियमों का पालन करना चाहिए , सड़क पर यूँ दौड़ना नहीं चाहिए"। तभी टिप्सी कहती है ,"हाँ-  हाँ दीदी मुझे तो पता है ,पर  क्या आपको  पता है कि जब आप पापा के साथ  स्कूटी पर जाती हो ,आपको भी हमेशा हैलमेट  पहनना चाहिए। 

हाँ- हाँ टिप्सी , "मुझे मत बता मुझे सब पता है।"

तभी माँ कहती हैं ,"अच्छा चलो बहुत हो गई तुम दोनो की बातें अब जल्दी से अपनी - अपनी पसंद की आइसक्रीम लो और घर चलो।"आइसक्रीम खाते - खाते सभी घर पहुँच जाते हैं। उनके घर पहुँचते ही पापा कहते है ,"चुस्की  चलो जल्दी करो मैं तुम्हें ट्यूशन छोड़कर आ जाता हूँ।" तभी चुस्की  अपना हैलमेट और बैग लेकर आ खड़ी होती है और पापा  के साथ चली जाती है।

अब रात का समय है  8:30 बज गए है और बाहर अचानक ज़ोरों  से बारिश शुरू हो जाती है तभी टिप्सी कहती है ,"कि मम्मा बाहर तो इतनी तेज़ बारिश हो रही है अब  पापा दीदी को ट्यूशन से वापस लेकर कैसे आएंगे। "पापा तो स्कूटी पर गए हैं।

माँ कहती हैं ,टिप्सी इतनी तेज़ बारिश है जरूर वे दोनो कहीं रूक गए होगें  तभी पापा चुस्की को अचेतन हालत में घर लेकर आते है और बताते है कि हमारे साथ एक दुर्घटना हो गई हैं।

कहते है ,"मैं तो ठीक हुँ मुझे ज़्यादा चोट नही आई क्योंकि मैंने हैलमेट पहना हुआ था " किंतु चुस्की तो होश में ही नही थी उसके सर पर,मुहँ से और माथे से खून आ रहा था।उसे बहुत चोट लगी थी।चुस्की को देखकर टिप्सी भी घबरा जाती है तभी शेरा(कुत्ता), और मिटटू (तोता) भी चुस्की की मदद के लिए आ जाते हैं।



वे दोनो भागे-भागे  टिंकू (खरगोश)डाॅक्टर के पास जाते हैं और कहते हैं ,"डाॅकटर अंकल जल्दी हमारे साथ चलो ,हमारी मित्र चुस्की घायल हो गई है ।उसे आपकी जरूरत है। 



टिंकू  जल्दी से अपना बैग उठा कर चुस्की के पास पहुँच जाते हैं। टिंकू डाॅक्टर चुस्की की मरहम- पट्टी  कर उसे दवा भी खिला देते हैं।अगले दिन पापा उसके सभी टैस्ट भी करा देते है।

अब अगले दिन जब चुस्की  थोड़ा  सा     ठीक होती है ,तो माँ चुस्की से पूछती है कि, तुमने हैलमेट क्यों नहीं पहना था? चुस्की कहती है," कि मम्मा मैंने पहना हुआ था किंतु बीच रास्ते में हम कुछ देर के लिए रूक गए थे ,तब उतार दिया था। जब हम फिर से चले तो मैं हैलमेट पहनने लगी थी, तभी पापा बोले कि अब पूरी तो भीग गई हो रहने दो मत पहनो हैलमेट और फिर मैंने नही पहना।"

माँ चुस्की और पापा दोनो को समझाती हैं ,"कि हैलमेट कोई छाता नहीं है कि जो हमें बारिश से बचाए यह तो हमारा सुरक्षा कवच है जो हमें सड़क पर अचानक से होने वाली दुर्घटनाओं में लगने वाली चोट से बचाता है।", अगर तुमने हैलमेट पहना  होता तो तुम्हें इतनी चोट नहीं लगती। तभी टिप्सी कहती है ; क्या पापा आपको भी नही पता कि  हमें हैलमेट पहन कर रखना चाहिए, देखो मेरी दीदी की कितनी चोट लग गई है।

पापा कहते है ,"नहीं बेटा, मुझे सब पता है मगर कभी- कभी हम लापरवाही कर देते हैं , हमें ऐसी लापरवाही नही करनी चाहिए। ट्रैफिक  के सभी नियमों का पालन करना चाहिए।" 

तभी वहाँ माँ आ जाती है और सबको कहती है कि समझे कुछ  ; जीवन अनमोल होता है और जब कभी हम स्कूटर, स्कूटी या बाइक पर हो तो  हैलमेट पहनना चाहिए और अगर कार में हो तो सीट बैल्ट लगानी चाहिए ।ये सब हमें जुर्माने से बचने या पुलिस के डर से नही बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए करना चाहिए।

तब सब कहते हैं , हाँ जी सब समझ आ गया अब कभी ऐसी गलती नहीं होगी।

तभी टिंकू डाॅक्टर भी आ जाते हैं और कहते  हैं कि," चुस्की तुम्हारी सभी रिपोर्ट सही है अब मैं चलता हुँ तुम अपना ध्यान रखना।" तभी मम्मी  सबके लिए आइसक्रीम ले आती हैं और सब मज़े से आइसक्रीम खाते हैं उनको आइसक्रीम खाते हुए देख शेरा और मिटटू भी वँहा आ जाते हैं और कहते हैं , चुस्की हमें भी आइसक्रीम खानी है । माँ उन दोनो को भी आइसक्रीम दे देती हैं। अब सभी मज़े से आइसक्रीम खाते हैं।



अंजू जैन गुप्ता

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