अँधियारा दूर कर रोशनी की
किरणें चहुँ ओर फैलाते है।
यह मंगल दीप दिवाली है
खुशियों से भरी थाली है ।
ये न सिर्फ तेरी है न मेरी है
ये तो हम सब की मिली-जुली
रंगोली है।
हिंदू खुश हैं कि इस दिन
राम जी अयोध्या लौट आये ,
सिक्ख भी खुश हैं कयोंकि
इस दिन गोल्डन टेम्पल की
नींव रखी थी (तभी फिर मुसलिम और Christian भी कहे हम सब है भाई-भाई)
,चलो मित्रों संग मिल जुल
ये पर्व मनाए।
अँधियारे भरी रात को दोनों से
रोशन कर जाए।
दीप जगते हैं जगमगाते है
अँधियारा दूर कर रोशनी की
किरणें चहुँ ओर फैलाते है।
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के
कोने कोने में हम इस पर्व को मनाते है।
सिंगापुर, मलेशिया, मारीशस, फिजी,
श्री लंका और नेपाल भी इस पर्व को
तहे दिल से मनाते है;और इस दिन को
नैशनल होलीडे declare कर अपनापन दर्शाते है।
दीप जगते हैं जगमगाते है अँधियारा दूर कर रोशनी की किरणें
चहुँ ओर फैलाते है।
तो आओ मिल जुल दीप जलाए
सुख और समृद्धि की बहारे फैला इस
जग से दूर कर अँधियारा चहुँ ओर
प्यार,विशवास व अपनेपन का एहसास जगाए।
(अंजू जैन गुप्ता)
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