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सोमवार, 27 फ़रवरी 2023

मेरा नाम है बिल्ली रानी: एक बाल कथा

 


 एक बिल्ली बोलती जा रही थी

 – मेरा नाम है  बिल्ली रानी

मैं दिल्ली की महारानी

जिसने मेरी हँसी उड़ाई

उसकी तो खत्म कहानी

तोता बिल्ली का मोटा पेट देख कर बोला कि सबेरे सबेरे क्या खा कर आई हो मौसी

बिल्ली बोली चुहिया ने पुए दिये थे वो खाया फिर चुहिया का हिस्सा छीन के खाया, फिर चुहिया को पकड़ के खाया ।   तुम ज्यादा बोल रहे हो तुम्हे भी खा जाती हूँ और वह तोते को भी पकड़ के खा गई.

थोड़ी दूर पर बन्नी खरगोश ने देखा तो वह बिल्ली को देखकर खूब हँसने लगा  इतनी मोटी बिल्ली तो उसने पहले कभी देखी नहीं  थी एकदम गोलमटोल डिब्बे जैसी।

बिल्ली बोली-  मेरा नाम है बिल्ली रानी

मैं दिल्ली की महारानी

तूने मेरी हँसी उड़ाई

अब तेरी खत्म कहानी

बस वह खरगोश को मारकर  खा गई।

कुछ देर बाद  वह आगे चली तो एक बकरा मिला वह बोला अरे घमण्डी बिल्ली कहाँ चलीं।  यह सुनकर बिल्ली  बोली

 बिल्ली बोली सुन- 

 मेरा नाम है बिल्ली रानी


मैं दिल्ली की महारानी


तूने मुझे घमण्डी कहा


अब तेरी खत्म कहानी

 अब तो तुझे भी खा जाऊँगी.   बकरा अपनी सीगें लोहार के यहाँ से मढ़ाकर लौटा ही था उसे गुस्सा आ गया .  वह बोला  तूने कमजोर कमजोर को खाया है .  अब तेरा पाला मुझ से पड़ा है.  देखता हूँ  तू मुझको कैसे खाती है  .  बस वह  बड़ी दूर से और बड़ी जोर से दौड़कर आया और अपनी सीगं की टक्कर बिल्ली के पेट मे मारी कि बिल्ली का पेट फट गया .  चुहिया तोता और खरगोश बकरे को थैन्क्स कहते हुऐ अपने अपने घर चले गये.

 


 शरद कुमार श्रीवास्तव

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