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शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018

मंजू श्रीवास्तव का बालगीत:  गर्मी आई, गर्मी आई


गर्मी आई, गर्मी आई,

तेज धूप और पसीना लाई |

सर पे सूरज चढ़ता जाता,

और आसमान से,

आग के गोले बरसाता |

टप टप टप टप पसीना बहता,

पल भर को भी चैन न मिलता |

फिर चल जाते पंखे ए. सी

गर्मी की हो जाती ऐसी की तैसी |

आओ बच्चों हम सब मिलकर कुल्फी खायें,.

और आइसक्रीम का भी आनन्द उठायें |

ठंडा पानी और ठंडाई पीकर,

हम सब अपनी प्यास बुझायें |

और गर्मी रानी को दूर भगायें |



                             मंजू श्रीवास्तव 
                             हरिद्वार

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