बच्चों! मोबाइल को छोड़ो,
बचपन में नए रंग बिखेरो,
खुशियों को करीब से जानो।
उछलो कूदो, दौड़ो भागो
दोस्तों के संग गेंद खेलो।
मिल जुल कर रेल बनाओ,
इंजन-बोगी तुम ही बन जाओ।
बचपन में चलो रंग बिखेरो।
कागज की नाव बनाकर,
ठहरे पानी में तैराओ।
मित्रों के संग पतंग उड़ा,
कटी पतंग लूटकर लाओ।
बल्ले-गेंद से क्रिकेट खेल,
कपड़े व तन पर दाग लगाओ।
बचपन में नए रंग बिखेरो।
अपनी माता समान भूमि पर,
रंगीन कंचों का आनंद उठाओ।
कोरे कागज़ पर चित्र बना,
मन चाहे रंग से रंग डालो।
चार सखा के साथ बैठ,
लूडो-कैरम में मन रमा लो।
फुटबाल,हाॅकी या हो बैडंिमंटन,
मैदान में अपने दम दिखा दो।
बचपन में नए रंग बिखेर कर,
खुशियों को करीब से जानो।
अर्चना सिंह ‘जया‘
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