सुबह सुबह प्रिन्सेज डाल को लगा कि बालकनी से उसे कोई पुकार रहा है । वह बालकनी में आयी और जब उसने इधर उधर देखा , तो उसे कोई नहीं दिखा । फिर बहुत धीमी एक आवाज आयीं ' प्रिन्सेज डाल बिलेटेड हैप्पी बर्थडे' । इस बार प्रिन्सेज डाल ने ध्यान से देखा । बालकनी के गमले पर कबूतर का छोटा सा चूजा उसे बधाई दे रहा है । वह चूजा बोला कि तुमने मुझे नहीं बुलाया लेकिन मैंने यहीं से तुम्हारा जन्मदिन देख लिया था । खूब रौनक थी! तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हारे घर तुम जैसे तो बहुत सारे बच्चे आये थे ।
प्रिन्सेज डाॅल बोली हाँ रूपम डाल, अनुश्री, गायत्री, वसुधा, सुयश सहित मेरे क्लास के बहुत सारे बच्चे आये थे । आशी, शौर्य और चीबू भैया भी आये थे । मेरे बाबा.दादी जी मौसी जी भी मौसा जी के साथ आए थे । पता है ! अब मै छह साल की हो गई हूँ । अब मै एक साल बड़ी हो गई हूँ
चूजा बोला लेकिन तुम्हारे जन्मदिन पर रिदम नहीं आया था? प्रिन्सेज डाल ने उससे पूछा कि ये रिदम कौन है ? मैं तो उसे नहीं जानती हूँ । कौन है वह और तुम उसे कैसे जानते हो। चूजे ने प्रिन्सेज डाल को बताया कि अरे वही जो बूजो के साथ खेलता है और जिसके साथ बूजो ( कुत्ते के बच्चे का नाम ) रहता है । मेरी मम्मी कहती हैं अपने दोस्तों का नाम जानना चाहिये । मैं भी तो उसको नहीं जानता था , लेकिन मेरी मम्मी ने मुझे बताया था । वो तो उड़ कर सब जगह जाती रहती हैं और सबको पहचानती हैं । प्रिन्सेज डाल बोली मैं उसे जानती हूँ पर उसका नाम कभी नही पूछा है ।
प्रिन्सेज डाल फिर बोली ' पता है कि मेरे जन्मदिन पर छह स्टोरी वाला केक आया था । अब मै छह साल की हो गई हूँ इसलिए । पहले तो हम सब बच्चे अपने आप खूब खेले । कोल्ड ड्रिंक्स और चिप्स टाफी बिस्कुट खूब खाया । फिर हमें मजेदार खेल खिलाने एक और अंकल आये थे । हम सबने खूब मजा किया था । उन अंकल ने हमें प्राइज भी दिया । सबसे ज्यादा तो आशी और सुयश ने प्राइज पाये थे। दादी बाबा और नाना जी के आ जाने से बहुत अच्छा लग रहा था । हम लोगों ने खूब डान्स भी किया था। इसके बाद मैंने केक काटा था । सब लोगों ने हैप्पी बर्थडे वाला गाना गाया था । मुझे खूब गिफ्ट्स मिले और हमने भी सभी बच्चों को रिटर्न गिफ्ट्स भी दिये । सचमुच बहुत मजा आया
शरद कुमार श्रीवास्तव
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