एक दुखद संदेश
बड़े दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि मंजू जी अब हमारे बीच नही है। प्रभु इच्छानुसार विगत 10 फरवरी को उनका स्वर्गवास हुआ है।
उनकी निर्मल लेखनी ने उनके संपर्क में आनेवाले हर व्यक्ति पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है ।
आशा करते है कि उनकी लेखनी आपके स्मृति पटल पर हमेशा अंकित रहेगी ।
आभार
राजीव श्रीवास्तव (पुत्र)/ अन्जू निगम (पुत्री)
स्वर्गीया मंजू श्रीवास्तव जी नाना की पिटारी मे नियमित रूप से अपनी बालकथाओं के द्वारा जुड़ी रही। उनकी बालकथाएं प्रेरणा दायक रही है। उनके निधन पर शोक संतप्त " नाना की पिटारी" परिवार उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है
शरद कुमार श्रीवास्तव
हार्दिक श्रद्धांजलि...
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