सब विषयों मे अपने को पास हुआ देखकर रवि की खुशी की सीमा नहीं है । मम्मी न जाने उससे क्यूं रोज कहती थीं कि तू दिन भर स्थिर होकर पढ़ाई लिखाई नहीं करता है इधर-उधर चकर -मकर करता रहता है कैसे पास होगा । रवि लेकिन जानता था कि वह रोज का रोज होमवर्क कर लेता है इसीलिए वह निश्चिन्त रहता था । रोहित भैया कहते हैं पढाई तो सभी करते हैं , स्कूल की पढ़ाई लिखाई के अलावा खुद से अतिरिक्त पढ़ाई भी करना चाहिए। लेकिन रवि को तो परम संतोष का मंत्र प्राप्त है अतः इस परीक्षाफल से भी वह बहुत खुश है।
बैशाख का महीना था रवि और उसके रोहित भैया कहीं जा रहे थे । उन्हे रास्ते मे एक गधा मिला जो बहुत खुश दिखाई पड़ रहा था। वह अपनी प्रसन्नता रेंक रेंक कर प्रदर्शित कर रहा था । रवि ने रोहित से पूछा कि भैया यह शोर क्यों कर रहा है? रोहित ने कहा वह अपनी खुशी जाहिर कर रहा है। बसन्त ऋतु मे घास की अधिकता के सापेक्ष बैशाख मे घास कम हो गई है । गधे को लगता है कि उसने बहुत सी घास खा ली है अतः वह बहुत खुश है । गधे की इसी संतुष्टि के लिए इसको बैशाख नन्दन भी कहते है । जैसे तुम ! सब विषयों मे पास कर लेने पर बहुत संतुष्ट हो , आगे बढ़कर तुम और अच्छा प्रदर्शन कर और अच्छा परीक्षाफल नही प्राप्त करना चाहते हो। जीवन का हर पल एक प्रतियोगिता है और उसमे निरंतर आगे निकलने के लिये हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए, अन्यथा बैशाख नन्दन बन जाओगे।।
शरद कुमार श्रीवास्तव
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