एक धोबी के पास दो गदहे थे। एक गदहे का रंग गोरा था और दूसरे गदहे का रंग काला था। गोरा गदहा घमंड मे चूर रहता था और काला गदहा अपना काम चुपचाप करता रहता था। धोबी के लिये दोनो गदहे एक जैसे थे । दोनों गदहों को भरपूर बोझा ढोने का काम करना पड़ता था ।
एक बार धोबी ने अपने घर में इस्तेमाल करने घाट से लेकर काफी सिरी मिट्टी काले रंग के गधे की पीठ पर लाद दिया और सफेद बालो वाले गधे पर सूखे कपडों का बड़ा गट्ठर लाद दिया । रास्ते में एक नाले के ऊपर काले गधे का पैर फिसल गया और वह नाले में जा गिरा । जब तक धोबी काले वाले गधे को निकालता तब तक आधी मिट्टी पानी मे चली गई थीं और गधे की पीठ का बोझ कम हो गया । अब काले रंग वाला गधा प्रसन्न होकर सफेद रंग के बालों वाले गधे को देखने लगा ।
यह देखकर दूसरे गदहे ने भी नाले में छलांग लगा दी । लेकिन दूसरे गदहे की पीठ पर लदे सूखे कपडे गीले हो गये और गीले होकर काफी अधिक भारी हो गये। अब उसे अधिक बोझ उठाना पड़ा । चूंकि सूखे कपड़े फिर गीले हो गये थे इसलिए सफेद रंग के गधे को धोबी से मार भी अलग पड़ी । अतः हमे बिना सोचे समझे नकल भी नहीं करनी चाहिए वर्ना बिना सोचे समझे नकल करने से सफेद बालो वाले गधे की तरह परिणाम भुगतना पड़ सकता है ।।
शरद कुमार श्रीवास्तव
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